कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से स्मार्टफोन की बिक्री पर काफी असर देखने को मिला है. रिसर्च फर्म कैनालिस के मुताबिक जून तिमाही में स्मार्टफोन शिपमेंट 48 फीसदी गिरकर 17.3 मिलियन यूनिट ही रह गया.
कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से स्मार्टफोन की बिक्री पर काफी असर देखने को मिला है. रिसर्च फर्म कैनालिस (Canalys) के मुताबिक जून तिमाही में स्मार्टफोन शिपमेंट 48 फीसदी गिरकर 17.3 मिलियन यूनिट ही रह गया. कैनालिस ने कहा कि इस दौरान स्मार्टफोन कंपनियों व विक्रेताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान जहां उत्पादन भी कम हो गया, वहीं ऑनलाइन और ऑफलाइन रिटेलर्स को भी फोन बेचने से मना कर दिया गया था.
हालांकि, पहली तिमाही में प्रोडक्शन न होने से कई कंपनियों ने बाहर से फोन मंगाकर बेचे, ताकि डिमांड बनी रहे. इसमें कई चीनी कंपनियां भी शामिल हैं. कैनालिस की विशेषज्ञ मधुमिता चौधरी ने कहा कि भारतीय स्मार्टफोन बाजार में रिकवरी के लिए अभी भी पथरीला रास्ता है. कंपनियों में कर्मचारियों की कमी से उत्पादन पर असर पड़ा और वहीं बिक्री भी ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ पाई.
कैनालिस ने कहा कि एप्पल (Apple) 10 शीर्ष विक्रेताओं के बीच सबसे कम प्रभावित था क्योंकि 2020 की दूसरी तिमाही में शिपमेंट 20% सालाना दर से घटकर 2,50,000 से अधिक हो गया है. विक्रेता ने हाल ही में अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की है. भारत में अपने निवेश को बढ़ाने के लिए अपने प्रमुख भागीदारों फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन को आगे बढ़ा रहा है.
“विक्रेता उपभोक्ताओं को ‘मेड इन इंडिया’ का संदेश दे रहे हैं और अपने ब्रांड को ‘भारत-प्रथम’ के रूप में पेश करने के लिए उत्सुक हैं. सैमसंग, नोकिया, या यहां तक कि एप्पल शायद ही कीमत-प्रतिस्पर्धी हैं, “कैनालिस रिसर्च एनालिस्ट अद्वैत मार्डीकर ने कहा.